Alok Murmu
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santali syllabus JSSC CGL संथाली
Last Updated on
December 19th, 2023 02:21 pm
1. व्याकरण1. व्याकरण व्याकरण- भाषा परिचय, संज्ञा, सर्वनाम, वचन, लिंग, पुरुष, क्रिया, काल, विशेषण अव्यय प्रत्यय, पहेलियाँ मुहावरे, भेनताकाथा, बुझोबोल, कुद्रुम, सजीव-निर्जीव, समोच्चरण भिनार्थक अर्थ, लकोक्ति । 2. साहित्य (i) संताली लोक साहित्य – अर्थ, परिभाषा भाग विभाग, संतालों का उद्भव और विकास, गोत्र विभाजन, – गाढ़ विभाजन, पर्वत्यौहार, संस्कार विवाह, मृत्यू । (ii) लोक गीत – डाहार, बाहा, सोहराय काराम, दोड, विवाह, दाँसाय।(iii) संताली शिष्ट साहित्य – कविता कुङकुरुबुद (हरिहर हाँसदा). साँवर्हेत. (बादल मुर्मू). माराडो: (सारदा प्रसाद किस्कू ), सेंगेल, विरसा मुण्डा, (के० सी० टुडू, तुपुनघाट, (रघुनाथ दुइ), साना (डमन हाँसदा), राहला रिमिल (डमन हाँसदा) चेहरा (श्यामचरण हेम्ब्रम ) ।3. लोक कथा – धारती सिरजाव काथा मानवा सिरजाव काथा पारिस काथा, सेंदराकारका काथा, पाराव पुना काथा। 4. कहानी- माड़घाटी (दिगम्बर हाँसदा) तारा आञचार (के० सी० टुडू), आनखा लाहा, (सोमानाथ बेसरा ), काथा रेनाङ गोनोङ, (चमपावती टुडू)। 5. नाटक- किरित्र सिंदुर, तिलका मुरमू । 6. निबंध – सिदो कान्हू हुल, बाबा तिलका माँझी हुल, डिबा किसुन हुल, बिरसा आन्दोलन, – पर्व-त्यौहार, आगिल हापड़ाम कोवाः काथा। |
व्याकरण- भाषा परिचय, संज्ञा, सर्वनाम, वचन, लिंग, पुरुष, क्रिया, काल, विशेषण अव्यय प्रत्यय, पहेलियाँ मुहावरे, भेनताकाथा, बुझोबोल, कुद्रुम, सजीव-निर्जीव, समोच्चरण भिनार्थक अर्थ, लकोक्ति । |
2. साहित्य |
(i) संताली लोक साहित्य – अर्थ, परिभाषा भाग विभाग, संतालों का उद्भव और विकास, गोत्र विभाजन, – गाढ़ विभाजन, पर्वत्यौहार, संस्कार विवाह, मृत्यू । (ii) लोक गीत – डाहार, बाहा, सोहराय काराम, दोड, विवाह, दाँसाय। (iii) संताली शिष्ट साहित्य – कविता कुङकुरुबुद (हरिहर हाँसदा). साँवर्हेत. (बादल मुर्मू). माराडो: (सारदा प्रसाद किस्कू ), सेंगेल, विरसा मुण्डा, (के० सी० टुडू, तुपुनघाट, (रघुनाथ दुइ), साना (डमन हाँसदा), राहला रिमिल (डमन हाँसदा) चेहरा (श्यामचरण हेम्ब्रम ) । |
3. लोक कथा – धारती सिरजाव काथा मानवा सिरजाव काथा पारिस काथा, सेंदराकारका काथा, पाराव पुना काथा। |
4. कहानी- माड़घाटी (दिगम्बर हाँसदा) तारा आञचार (के० सी० टुडू), आनखा लाहा, (सोमानाथ बेसरा ), काथा रेनाङ गोनोङ, (चमपावती टुडू)। |
5. नाटक- किरित्र सिंदुर, तिलका मुरमू । |
6. निबंध – सिदो कान्हू हुल, बाबा तिलका माँझी हुल, डिबा किसुन हुल, बिरसा आन्दोलन, – पर्व-त्यौहार, आगिल हापड़ाम कोवाः काथा। |
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